दिनांक 26 मई 2023 को केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड में पांच दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के तृतीय दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व दिवस के अनुसार जागरण के पश्चात योगाभ्यास एवं व्यायाम कराया गया तत्पश्चात शाखा लगाई गई। दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन एवं मां सरस्वती पूजन के पश्चात प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ। सभी पदाधिकारियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी द्वारा कराया गया। पदाधिकारियों को पटका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया गया। प्रथम सत्र को प्रधानाचार्य श्रीमान प्रभात कुमार गुप्ता जी द्वारा लिया गया, जिसमें इन्होंने बालक के विकास की हमारी संकल्पना एवं उसमें आचार्य की भूमिका विषय पर चर्चा की तथा सभी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आचार्य बंधुओं एवं बहनों को बालक के समग्र विकास हेतु शिक्षकों द्वारा जो आवश्यक कार्य करने चाहिए, पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए बताया।
आज के प्रशिक्षण का द्वितीय सत्र विषय नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एट फंडामेंटल स्टेज पर प्रदेश निरीक्षक श्रीमान शिव कुमार जी ने लिया। जिसमें इन्होंने प्रशिक्षण के लिए आए सभी शिक्षकों को लर्निंग बाई एक्टिविटी, लर्निंग बाई डूइंग और लर्निंग बाई इंटरेस्ट के माध्यम से एनसीएफ एफएस को बड़े ही सुंदर ढंग से बताया।
तृतीय सत्र राष्ट्रीय मंत्री श्री शिव कुमार जी द्वारा लिया गया, जिसमें इन्होंने “वर्तमान राष्ट्रीय चुनौतियां एवं उनके निवारण में हमारी भूमिका विषय” पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हमारे राष्ट्र में शिक्षा में किस प्रकार की चुनौतियां हैं तथा इन चुनौतियों का समाधान हमको किस प्रकार से करना चाहिए। बताया कि हमें शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना चाहिए अच्छे शिक्षकों की कमी को पूरा करना चाहिए तथा विद्यार्थी शिक्षक अनुपात के अनुसार शिक्षक नियुक्त होने चाहिए।
चतुर्थ सत्र में राष्ट्रीय मंत्री श्रीमान शिव कुमार जी ने प्रकरण “हमारा लक्ष्य” पर प्रशिक्षण देते हुए विद्या भारती के लक्ष्य को विस्तृत रूप से समझाया। इन्होंने कहा कि यदि आचार्य विद्याभारती के लक्ष्य को ध्यान में रखकर शिक्षण कार्य करेंगे तो सच्चे देशभक्तों का निर्माण होगा।
पंचम और अंतिम सत्र में बालक के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल टॉपिक पर श्रीमान रविंद्र मोहन जी ने कहा कि आचार्यों को कक्षा के सभी बालकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बालक के माता-पिता के साथ काउंसलिंग करनी चाहिए। जिससे बच्चे का समग्र विकास हो सके। साथ ही श्रीमान रमेश चंद्र पांडे जी ने टॉपिक विद्यालय का संस्कारक्षम वातावरण पर प्रशिक्षण दिया। जिसमें इन्होंने कहा कि बालकों का शिक्षकों द्वारा संस्कार पक्ष मजबूत करना चाहिए।विद्यालय का वातावरण संस्कारमय बनाना चाहिए।