16 सितंबर 2023 को केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड़ में विश्वकर्मा जयंती के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी एवं मुख्य वक्ता आचार्य श्री वनीश जी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ।कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने विश्वकर्मा जयंती पर अपने विचार रखे।मुख्यवक्ता आचार्य श्री वनीश जी ने बताया कि श्री विश्वकर्मा पूजा दिवस भारत के कर्नाटक, असम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा और त्रिपुरा आदि प्रदेशों में 17 सितंबर की ग्रेगोरियन तिथि को मनायी जाती है। यह उत्सव प्रायः कारखानों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में (प्रायः शॉप फ्लोर पर) मनाया जाता है। विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता तथा देवताओं का वास्तुकार माना गया है। यह हिंदू कैलेंडर की ‘कन्या संक्रांति’ पर पड़ता है। विश्वकर्मा जयंती का पर्व मुख्य रूप से कारखानों और औद्योगिक क्षेत्रों में मनाया जाता है। न केवल अभियन्ता और वास्तु समुदाय द्वारा बल्कि कारीगरों, शिल्पकारों, यांत्रिकी, स्मिथ, वेल्डर, द्वारा पूजा के दिन को श्रद्धापूर्वक चिह्नित किया जाता है। औद्योगिक श्रमिकों, कारखाने के श्रमिकों और अन्य। वे बेहतर भविष्य, सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों और सबसे बढ़कर, अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। श्रमिक विभिन्न मशीनों के सुचारू संचालन के लिए भी प्रार्थना करते हैं।श्री विश्वकर्मा पूजा दिवस, एक हिंदू भगवान विश्वकर्मा, दिव्य वास्तुकार के लिए उत्सव का दिन है।उन्हें स्वायंभु और विश्व का निर्माता माना जाता है।उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां कृष्ण ने शासन किया। पांडवों की माया सभा, और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माता थे।उन्हें निर्माणकार्ता, इंजीनियर , वैज्ञानिक जगतकार्ता ईश्वर कहते हैं।विश्वकर्मा की विशेष प्रतिमाएँ और चित्र सामान्यतः प्रत्येक कार्यस्थल और कारखाने में स्थापित किए जाते हैं।सभी कार्यकर्ता एक आम जगह पर इकट्ठा होते हैं और पूजा (श्रद्धा) करते हैं। विश्वकर्मा पूजा के तीसरे दिन हर्षोल्लास के साथ सभी लोग विश्वकर्मा जी की प्रतिमा विसर्जित करते हैं। साथ ही 15 सितंबर 2023 को सरस्वती शिशु मंदिर ककोड़ में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं प्रश्नमंच बालवर्ग, किशोर वर्ग, तरुण वर्ग,अंताक्षरी, मूर्तिकला, भाषण, स्वरचित काव्यपाठ, गीत, कथा कथन, कला, लोक नृत्य में विद्यालय के भैया बहनों ने प्रतिभाग किया तथा प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किए। स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों तथा प्रतियोगिताओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों को प्रधानाचार्य जी ने मेडल पहनाकर सम्मानित किया। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी एवं कोषाध्यक्ष श्री दिनेश सिंघल जी ने इन सभी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन भविष्य में सफल होने का आशीर्वाद देकर किया।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु, आचार्य बहन एवं समस्त भैया बहन उपस्थित रहे।