





दिनांक 27 अगस्त 2025 को केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड़ में गणेश चतुर्थी का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी एवं मुख्य वक्ता आचार्या बहन काजल जी रही। कार्यक्रम का संचालन आचार्य बहन श्रीमती सोनिया गोस्वामी जी ने किया। गणेश चतुर्थी के इस अवसर पर विद्यालय के भैया बहनों ने गणेश जी से संबंधित कथाओं का वर्णन किया तथा सुंदर नृत्य की प्रस्तुति की। आचार्या बहन काजल जी ने बताया कि गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं, किसी भी काम को शुरू करने से पहले उनकी पूजा की जाती है, और उन्हें विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है, इसलिए वे बाधाओं के निवारण के देवता भी हैं। प्रधानाचार्य जी ने बताया कि भगवान गणेश जी का स्वरूप और व्यक्तित्व हमें धैर्य, विनम्रता, संतुलन, माता-पिता का सम्मान और बुद्धिमत्ता जैसे कई महत्वपूर्ण गुण सिखाता है, जो जीवन में सफलता पाने के लिए ज़रूरी हैं।गणेश जी का बड़ा सिर बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है, जो हमें हमेशा सीखते रहने की प्रेरणा देता है। उन्हें बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। उनका हाथी जैसा सिर उनकी पहचान है। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी, प्रबंधक श्री जगदीश प्रसाद ढोंडियाल जी एवं कोषाध्यक्ष श्री दिनेश सिंघल जी ने बताया कि गणेश जी मूषक (चूहा) पर सवार होते हैं, जो इच्छाओं और अहंकार पर नियंत्रण का प्रतीक है। उनका धैर्य और शांतचित्त रहने का स्वभाव जीवन में सफलता की कुंजी है।माता-पिता के प्रति उनका प्रेम हमें अपने बड़ों का आदर करने की सीख देता है। उनका आधा मानव और आधा हाथी रूप जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखने का संदेश देता है।शक्ति होने के बावजूद वे विनम्र हैं, जो हमें विनम्र बने रहने की प्रेरणा देता है।वे कला और विज्ञान के संरक्षक भी हैं।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु, आचार्या बहनें एवं समस्त भैया बहन उपस्थित रहे।