दिनांक 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री सुरेश गुप्ता जी एवं मुख्य वक्ता आचार्य श्री संदीप शर्मा जी रहे। कार्यक्रम का संचालन आचार्या बहन श्रीमती ममता शर्मा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने समाज में चिकित्सक के योगदान के विषय में अपने अपने विचार रखे। आज के इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य श्री संदीप शर्मा जी ने बताया कि हमारे देश में स्वास्थ्य को एक सेवा के रूप में देखा जाता है और हमारे चिकित्सा पेशेवरों ने अथक और निस्वार्थ भाव से काम करके अपने देश की सेवा भाव एवं सेवा परमो धर्म की परंपरा का पालन किया है। यही एकमात्र कारण था कि हमारे कोविड योद्धा मौके पर खड़े हुए और निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य का पालन किया। इन्ही डॉक्टर्स को सम्मान देने के लिए हमारे देश में हर वर्ष एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर्स के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए इससे खास दिन और कोई हो नहीं सकता है। इस दिवस का उद्देश्य ही यही है कि हमारे चिकित्सकों और चिकित्सा पेशेवरों ने हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हर साल एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाना उनकी अहम भूमिका को पहचानने का ऐसा ही एक प्रयास है। यह दिन महान डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय या डॉ बीसी रॉय की जयंती के साथ-साथ उनकी पुण्यतिथि का भी प्रतीक है, जो स्वतंत्र भारत में चिकित्सा पेशे के अग्रदूतों में से एक और उत्कृष्ट चिकित्सक थे. हमें डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय से प्रेरणा लेनी चाहिए जो एक सक्षम चिकित्सक और प्रशासक थे। विधान चंद्र रॉय भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे, इसके अलावा वे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे।अपने खाली समय में भी डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय लोगों का बेहद कम फीस में इलाज करते थे।मेडिकल स्टाफ न होने पर नर्स का काम भी वो खुद कर लिया करते थे।जादवपुर टीबी हॉस्पिटल, चितरंजन सेवा सदन, कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल विक्टोरिया इंस्टीट्यूशन (कॉलेज) और चितरंजन कैंसर हॉस्पिटल उन्हीं की देन हैं। वे पहले ऐसे डॉक्टर थे, जिन्होंने लंदन में एमआरसीपी और एफआरसीएस दोनों एक साथ किया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी, प्रबंधक श्री जगदीश प्रसाद ढौडियाल जी एवं प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी ने चिकित्सकों के त्याग एवं योगदान के बारे में बताते हुए, इनसे सीख लेने की बात कही। आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु, आचार्या बहने एवं भैया बहन उपस्थित रहे।