दिनांक 24 मई 2023 को केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड़ में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान द्वारा 5 दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी द्वारा सभी पदाधिकारियों का परिचय कराया। सभी पदाधिकारियों को पटका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया प्रशिक्षण वर्ग के प्रथम दिन का उद्घाटन सत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र विद्या भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री मनवीर सिंह जी द्वारा लिया गया। मनवीर सिंह जी ने इस सत्र में वंदना के क्रम को समझाया और यह भी बताया कि प्रशिक्षण वर्ग का उद्देश्य आचार्यों के कौशल एवं गुणवत्ता का विकास करना है।विद्या भारती के लक्ष्य को बताते हुए विद्या भारती का परिचय विस्तृत रूप से कराया। इस सत्र में वर्ग अधिकारी श्री रमेश चंद्र पांडे जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री मनवीर सिंह जी, शैक्षिक प्रशिक्षण प्रमुख श्री महेशचंद शर्मा जी, कोषाध्यक्ष श्री दिनेश सिंघल जी, प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी, श्री कृष्ण कुमार जी, श्री योगेश कुमार जी, श्री राजीव कुमार जी, श्री राहुल चौधरी जी एवं श्री प्रभात गुप्ता जी उपस्थित रहे।
द्वितीय सत्र में प्रकरण आचार्य विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्देश्य एवं संकल्पना पर प्रांतीय प्रशिक्षण प्रमुख विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी द्वारा लिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि शिक्षा के प्रसार एवं प्रचार के लिए आचार्यों को प्रशिक्षित होना आवश्यक है। प्रशिक्षण के विभिन्न स्तरों को समझाते हुए इसकी आवश्यकताओं को बताया। शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत मिनिमम लर्निंग आउटकम को ध्यान में रखते हुए नवाचार का प्रयोग करके शिक्षण कार्य करने की सलाह दी।अच्छे शिक्षण कार्य के लिए क्रियाशोध, स्वमूल्यांकन एवं कंप्यूटर लिटरेसी की बात कही। प्रशिक्षण वर्ग में ज्ञानात्मक, कौशलात्मक एवं प्रेरणात्मक तीन प्रकार के कार्यक्रमों की बात कही। शिक्षकों को संवेदनशील एवं समर्पित भाव वाला, स्वाध्याय करके अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने वाला होना आवश्यक है।
तृतीय सत्र में श्री गंगाराम जी ने आदर्श आचार्य प्रकरण पर प्रशिक्षण देते हुए बताया कि एक आदर्श शिक्षक के अंदर कौन-कौन से गुण होने चाहिए तथा किस तरह अपना आदर्श स्थापित करना चाहिए। इसके लिए इन्होंने बहुत से उदाहरण दिए।
आज के इस प्रशिक्षण वर्ग के चतुर्थ सत्र में प्रधानाचार्य श्री कृष्ण कुमार जी ने विद्याभारती के विभिन्न आयामों एवं गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया।प्रधानाचार्य श्री योगेश जी ने अभिवावक संपर्क को महत्वपूर्ण बताते हुए बच्चे की सभी क्षेत्रों में प्रगति रिपोर्ट अभिवावक से साझा करने की प्रेरणा दी।
पंचम सत्र में श्री महेशचंद शर्मा जी ने वंदना, प्रातः स्मरण तथा वंदे मातरम् से संबंधित सभी आचार्य बंधुओं एवं आचार्या बहनों को प्रशिक्षण दिया।पांच दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आचार्य बंधु एवं आचार्या बहनों की कुल संख्या 106 रही।