दिनांक 28 अक्टूबर 2023 को केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड में दिव्य दृष्टा महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती का कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्रथम सहयोगी आचार्य श्री सुरेश गुप्ता जी एवं मुख्य वक्ता आचार्या बहन श्रीमती ममता जी रहीं। कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन पर प्रकाश डाला। विद्यालय के स्काउट मास्टर श्री विवेक शर्मा जी ने बताया कि महर्षि बाल्मीकि की जयंती का कार्यक्रम अश्विन पूर्णिमा यानि शरद पूर्णिमा पर मनाया जाता है।इस दिन रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था। महर्षि वाल्मीकि पहले एक रत्नाकार नाम के एक डाकू थे लेकिन नारद मुनि के चंद शब्दों ने उनका जीवन पलटकर रख दिया. उन्होंने लूट पाट करना छोड़कर सत्कर्म का मार्ग अपनाया। वाल्मीकि जी ने राम-नाम का ऐसा जाप किया कि रामायण लिख डाली।श्रीराम के तप में लीन रत्नाकर के शरीर पर दीमक की मोटी परत चढ़ गई. ब्रह्मा जी ने उनके तप से प्रसन्न होकर उन्हें वाल्मीकि नाम दिया था।कहा जाता है कि जब प्रभु श्रीराम ने माता सीता को त्याग दिया था, तब वह ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहने लगी थीं । यही उन्होंने अपने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था। मुख्य वक्ता आचार्य बहन श्रीमती ममता जी ने महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित ग्रंथ रामायण के विषय में विस्तृत जानकारी दी। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी ने बच्चों को सीख दी कि यदि कोई व्यक्ति बुरे कर्मों का त्याग कर दे तो एक अच्छा इंसान बन सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि आदिकाल के प्रथम एवं महान कवि थे जिन्होंने संस्कृत में रामायण जैसे महान काव्य की रचना की।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु, आचार्या बहने एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।