दिनांक 27 जनवरी 2024 को पंजाब केसरी लाला लाजपत राय की जयंती के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय वरिष्ठ आचार्य श्री सुरेश गुप्ता जी एवं मुख्य वक्ता आचार्य श्री दीनदयाल शर्मा जी रहे। कार्यक्रम का संचालन स्काउट मास्टर श्री विवेक शर्मा जी ने किया।कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने लाला लाजपत राय जी के जीवन पर प्रकाश डाला तथा उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं से अवगत कराया। मुख्य वक्ता आचार्य श्री दीनदयाल जी ने बताया कि श्री लाला लाजपत राय जी का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को एक अग्रवाल जैन परिवार में हुआ था। इन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता था। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता की माँग की थी बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया। इन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया। लाला हंसराज एवं कल्याण चन्द्र दीक्षित के साथ दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों का प्रसार किया, लोग जिन्हें आजकल डीएवी स्कूल्स व कालेज के नाम से जानते है। लालाजी ने अनेक स्थानों पर अकाल में शिविर लगाकर लोगों की सेवा भी की थी। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी ने ऐसे महान देशभक्तों से प्रेरणा लेकर देशहित में अपने त्याग और बलिदान द्वारा देश को प्रगति के पथ पर ले जाने का संकल्प दिलाया।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी, आचार्य बंधु श्रीकिशन शर्मा जी, श्री बीनू शर्मा जी, संदीप सोलंकी जी, श्री किरन पाल सिंह सोलंकी जी, श्री कृष्णवीर यादव जी, श्री पंकज शर्मा जी, श्री मेघेंद्र सिंह जी, श्री सचिन जी, श्री रमाशंकर सोलंकी जी, श्री अशोक नागर जी, श्री शिवनारायण शर्मा जी, उमेश शर्मा जी, आचार्य बहनें श्रीमती सरोज मिश्रा जी श्रीमती ममता शर्मा जी, श्रीमती सोनिया गोस्वामी जी, श्रीमती मेघा शर्मा जी, श्रीमती हेमलता परमार जी, श्रीमती कविता शर्मा जी एवं विद्यालय के समस्त भैया बहन उपस्थित रहे।