दिनांक 15 जनवरी 2024 को विद्यालय केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककोड में समरसता एवं सौहार्द्य का पर्व मकर संक्रांति का पर्व एवं थल सेना दिवस का कार्यक्रम मनाया गया।कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार मिश्र जी एवं मुख्य वक्ता आचार्य श्री मनोज शर्मा जी एवं श्री पंकज शर्मा जी रहे।आज के इस कार्यक्रम में विद्यालय के भैया बहनों ने मकर संक्रांति पर्व एवं थल सेना दिवस पर अपने-अपने विचार रखें।मुख्य वक्ता श्री मनोज शर्मा जी ने बताया कि सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति पर्व को देशभर के कई हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष स्थान होता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर एक महीने में राशि बदलते हैं, यानी सूर्य एक वर्ष में 12 राशियों का भ्रमण करते हैं। सूर्य जब धनु राशि की यात्रा को पूरा करके मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते है। मकर संक्रांति से सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं, जिसे देवताओं का दिन कहा जाता है। मुख्य वक्ता आचार्य श्री पंकज शर्मा जी ने बताया कि देश में हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है। इसी दिन सन 1949 में फील्ड मार्शल के एम करियप्पा ने जर्नल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल के एम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष में हर साल यह दिन मनाया जाता है। कार्यक्रम में विद्यालय के कोषाध्यक्ष श्री दिनेश सिंघल जी, सह व्यवस्थापक श्री कालीचरण जी, विद्यालय के आचार्य बंधु, आचार्या बहनें तथा विद्यालय के भैया बहन उपस्थित रहे। समरसता के इस पर्व पर विद्यालय के कोषाध्यक्ष जी ने समाज के सभी लोगों को मिलजुलकर रहने की बात कही। विद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता जी ने आज के इस पावन पर्व पर संदेश दिया कि जरूरतमंदो को दान देकर साथ लेकर चलना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य जी ने इस पर्व पर बताया कि आज के दिन खिचड़ी का बहुत महत्व है क्योंकि जिस प्रकार खिचड़ी दाल, बाजरा, चावल आदि कई खाद्यान्नों से मिलकर बनी होती है और सभी खाद्यान्न पककर एक समान हो जाते हैं तथा हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व को प्रदान करते है, उसी प्रकार हमें भी विभिन्न समुदाय के लोगों के साथ समरसता के भाव के साथ रहना चाहिए और देश को समृद्धि एवं सुदृढ़ता प्रदान करना चाहिए।